तीन मंदिर का निर्माण
मंदिर के निर्माण हेतु 8 एकड़ जमीन जो ठीक हनुमान मंदिर से सटा हुआ राष्ट्रीय राजमार्ग के समीप है उसे डॉ गिरिजा शंकर प्रसाद के पुत्रों ने उदधिक्रमण संकटमोचन धाम के निर्माण हेतू 8 एकड़ भूमि का दानपत्र “उदधिक्रमण संकटमोचन धाम ट्रस्ट” के नाम से कर दिया है और यहाँपर निर्माण कार्य प्रारम्भ हो गया है | इस धाम में तीन मुख्य मंदिर है इसमें एक ओर शिव परिवार का मंदिर है, दूसरी ओर श्रीराम दरबार है जहाँ प्रभु राम माता सीता और शेषावतार श्री लक्ष्मण विराजमान हैं और बीच भाग में संकटमोचन हनुमान स्थापित हैं |
बायीं ओर शिव मंदिर है क्योंकि हनुमान जी भगवान शिव के 11 वें रुद्रावतार हैं जिनसे वे शक्ति प्राप्त करते हैं; चूँकि हनुमान जी भगवान राम के दूत और उनके सेवक हैं इसी कारण वह उनसे आदेश प्राप्त करते हैं | दायीं ओर राम दरबार है क्योंकि हनुमान जी भगवान राम के दूत हैं और उनके सेवक हैं और भगवान शिव की तेज और शक्ति और प्रभु श्रीराम दोनों के आशीर्वाद से प्राप्त प्रेरणा से हनुमान जी भक्तों का संकट निवारण करते हैं |

विराट हनुमान
परिसर के बीचो-बीच अशोक वाटिका है जहाँ पर 108 फीट के विराट हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित की जा रही है | चूँकि हनुमान जी ने अशोक वाटिका में ही माता सीता को अपना विराट स्वरुप दिखलाया था इसी कारण यहाँ पर विराट हनुमान जी की मूर्ति का निर्माण किया जा रहा है |
दशरथ कुण्ड
अशोक वाटिका से सटे हुए एक दशरथ कुण्ड का निर्माण किया जा रहा है जिसमे बाहर से आनेवाले भक्तों के लिये पवित्र स्नान की व्यवस्था है | इस दशरथ कुण्ड में मानसरोवर के जल, गंगा, यमुना और सरस्वती के जल को जिसे कि प्रयागराज से लाया जायेगा और सरयू के जल को अयोध्या से लाया जाएगा, से अभिशक्त किया जाएगा |
भक्तों के स्नान करने के लिये इसमें स्नान घाट और साथ में वस्त्र परिवर्तन कक्ष बनाया जा रहा है |
सीता रसोई
भक्तों के लिये यहाँ सीता रसोई की व्यवस्था की जा रही है जहां पर लोगों को पवित्र भोजन उपलब्ध होगा और इस भोजन का भोग सर्वप्रथम भगवान को लगाया जाएगा तब उसके बाद भक्तों को वह भोजन के रूप में प्राप्त होगा |

निःशुल्क लंगर (अन्नपूर्णा लंगर)
मंदिर परिसर के पश्चिमी भाग में अन्नपूर्णा लंगर की व्यवस्था की जा रही है जहाँ पर प्रत्येक दिन दरिद्रनारायण भोजन की व्यवस्था होगी |
बाल्मीकि सभागार
बाल्मीकि सभागार जो कि मुख्य मंदिर के ठीक नीचे स्थित होगा जहाँ 5000 लोगों के बैठनें की व्यवस्था होगी | यहाँ प्रत्येक दिन कथा-प्रवचन कराया जाएगा |
विश्वामित्र आश्रम
बाहर से आनेवाले भक्तों के लिये विश्वामित्र आश्रम का निर्माण किया जा रहा है | इसमें 2-2 कमरों के 16 फ्लैट का निर्माण किया जा रहा है | इसे भक्तगण अतिथिगृह के रूप में उपयोग में ला सकते हैं |
गुरु वशिष्ठ आश्रम
यह आश्रम मंदिर के पुरोहितों के लिये जिसमें कुल 2-2 शयनकक्ष के 8 फ्लैट होंगे; जो पुजारियों का निवास स्थान होगा |
शबरी आश्रम
बाहर से आये कथावाचकों तथा उनकी भजन कीर्तन मंडली के लिये शबरी आश्रम की व्यवस्था की गई है जोकि डोरमेटरी के तरह का होगा जिसमें 64 लोगों के ठहरने की व्यवस्था होगी |
श्रीराम अध्यात्मिक पुस्तकालय एवं शोध संस्थान
परिसर में ही एक विशाल श्रीराम अध्यात्मिक पुस्तकालय संस्थान की स्थापना की जा रही है जिसमें सनातन धर्म से जुड़े सभी धार्मिक ग्रन्थ जैसे वेद, वेदांग, पुराण, अरण्य, उपनिषद् इत्यादि रखे जायेंगे | जहाँ पर कोई भी व्यक्ति सनातन धर्म पर अपना शोध कर सकता है |
धन्वन्तरि आरोग्य धाम
मंदिर परिसर में ही धन्वन्तरि आरोग्य धाम की स्थापना की जा रही है जहाँ पर बाह्य रोगी के लिये निःशुल्क चिकित्सा की सुविधा उपलब्ध रहेगी |
मंदिर में सुविधाएँ
मंदिर में भगवान के दर्शन हेतू वृद्ध और बीमार व्यक्तियों के लिये अलग से सीढ़ी और रैंप की व्यवस्था की गयी है | यहाँपर उनके लिये व्हील चेयर की व्यवस्था भी रखी जा रही है और उनके दर्शन हेतू अलग से कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है |
